● welcome ● Education is not the amount of information that is put into your brain ... for the all-around development of the body, mind and soul of the individual ● Knowledge be comes power only when we put it to use ● Experience is the child of thought, and thought is the child of action ● Fear less, hope more, eat less, chew more, whine less, breathe more, talk less, say more, hate less, love more, and good things will be yours. ● It is not enough to have a good mind the main thing is to use it well ● Life most urgent question is what are you doing for others ● Champions don't get nervous in tight situations ●Principles of Study Skills ● Believe in yourself ● Prepare your mind ● Organize yourself and your work.● Spend time on what matters● Discipline yourself ● Be persistent ● Divide and conquer ● Become an information filter ● Practice output as well as input ● Do not fear mistakes ● Use all your intelligences to create study tools ●: Be active ●Consistency is the major key to your success ● The secret of success is consistency of purpose ●The secret of success is consistency of purpose ● The secret of success is learning how to use pain and pleasure instead of having pain and pleasure use you. If you do that, you’re in control of your life. If you don’t, life controls you ● Appreciation is the highest form of prayer, for it acknowledges the presence of good wherever you shine the light of your thankful thoughts ● Action may not always bring happiness; but there is no happiness without action ● Vision without action is a dream. Action without vision is simply passing the time. Action with Vision is making a positive difference ● Spiritual Dalia Lama ●हमारा मानवीय अस्तित्व ही दूसरों की सहायता पर निर्भर है , इसलिए प्यार की जरूरत हमारे अस्तित्व की आधारशीला है। ●हम गुस्से और नफरत को सिर्फ दबाकर नहीं खत्म कर सकते हैं। इसके नाश के लिए हमें अपने अंदर धैर्य और उदारता को विकसित करना होगा। ●दढ़ निश्चय और आशावाद बेहतर भविष्य के अहम घटक हैं। ●दया आध्यात्मिक जीवन की सबसे जरूरी चीज है। ●एक लेवल पर दुनिया के सभी धार्मिक परंपराओं का उद्देश्य समान होता है। पता है क्या - व्यक्ति के अंदर पॉजिटिव भावनाओं का संचार करना। ●अगर अपनी अच्छी चीजों जैसे धन अथवा सेहत का उपयोग दूसरों की मदद करने में करेंगे , तो इससे हमारी अपनी जिंदगी भी खुशनुमा होगी। ●एक स्वस्थ शरीर में ही एक स्वस्थ दिमाग रहता है। ●दुनिया के सभी बड़े धर्म प्यार , भाईचारा और क्षमा का संदेश देते हैं। ●स्वस्थ शरीर और स्वस्थ दिमाग के लिए दिमाग की शांति जरूरी है। इसलिए शांत दिमाग और ठंडा दिमाग बहुत जरूरी है।●हम धार्मिक प्रवृति के व्यक्ति हैं या नहीं यह कोई खास मायने नहीं रखता है। पर हमे अपने आंतरिक मूल्यों को विकसित करने की हमेशा कोशिश करनी चाहिए।●कुछ इच्छाएं बहुत अच्छी और पॉजिटिव होती हैं , जैसे : खुशी की चाहत , शांति की चाहत , आपसी मेल - जोल और मैत्रीपूर्ण संसार की चाहत। ●दूसरे के नजरिये का अध्ययन करने से बेहतर है कि हम दुनिया को एक नए दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करें। ●सच्ची दया का भाव कभी बदल नहीं सकता , भले ही आपके सामनेवाला आपसे दुर्व्यवहार ही क्यों न कर रहा हो। ●पेशंस का सबसे बड़ा फायदा इस बात में है कि यह गुस्से की तकलीफ के लिए जहर का काम करता है।●अगर आपमें सच्चाई है और आप खुले दिल के हैं तो आप स्वभाविक रूप से अपनी कीमत महसूस करेंगे और आपमें कॉन्फिडेंस आएगा और तब किसी दूसरे से डरने की कोई जरूरत नहीं। ●यूनिवर्सल रिस्पॉन्सिबिलिटी का सेंस विकसित करना हमें सबके प्रति संवेदनशील बनाता है न कि केवल उनके लिए जो हमारे करीब होते हैं।● एक बार हमारा मन शांति और आनंद से भर जाए , फिर हमारे कार्य ज्यादा असरदार हो सकते हैं। ●दुख या परेशानी से हमें सही अर्थों में धैर्य या सब्र का मतलब सीखा सकते हैं। ●अगर हम खुद को अंदर से बदल लें और निगेटिव थॉट्स और इमोसंस का मुकाबला रचनात्मक ढंग से करने लगें तो दुनिया बदल सकते हैं। ●आंतरिक खुशी आर्थिक परिस्थितियों या भोग विलास से मिलने वाली खुशी का मोहताज नहीं होती। आंतरिक खुशी तो हमारे दिमाग पर निर्भर है। ●जब हम ईमानदारी के प्रति संकल्पित है , तो हम समाज से गलतफहमी , भ्रम और डर के स्तर को कम करने में मदद करते हैं। ●आत्मविश्वास और दृढ़ता काफी जरूरी हैं। खुद को डिप्रेस्ड महसूस करने और उम्मीद का दामन छोड़ देने से स्थिति और खराब ही होगी सुधरेगी नहीं। ●प्रार्थना से नहीं आती शांति। हम इंसानों को शांति का निर्माण करना होगा। ●हमारे कॉमन और डेलिकेट इकॉलजी को संरक्षित रखने के उपायों पर विचार करने के लिए सम्मिलित अंतरराष्ट्रीय प्रयास की जरूरत है। ●जिस समाज में भौतिक समृद्धि और आध्यात्मिक उन्नति - दोनों साथ - साथ चलें उसी समाज में सच्चा सुख संभव होता है। ●आइए प्रेम और दया को बढ़ावा दें। दोनों हमें जीवन का सही मतलब समझने में सहायता करते हैं। ●समस्या को सुलझाने के लिए हमें भाईचारे की भावना से कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए मेल - मिलाप और बीच का रास्ता अपनाना होगा। ●

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